क्या है भारत-ब्रिटेन FTA डील?
यह समझौता, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (Comprehensive Economic and Trade Agreement - CETA) कहा जाता है, दोनों देशों के बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर टैरिफ (आयात शुल्क) को कम करने या पूरी तरह से समाप्त करने के लिए किया गया है। इसका मुख्य लक्ष्य 2030 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर 120 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
इस डील से भारत को क्या फ़ायदे मिलेंगे? (आपके लिए क्या होगा सस्ता!)
यह समझौता भारत के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है, खासकर हमारे निर्यातकों और कुछ भारतीय उद्योगों के लिए:
99% भारतीय निर्यात पर ज़ीरो ड्यूटी: यह इस डील की सबसे बड़ी खासियत है! भारत से ब्रिटेन जाने वाले लगभग 99% उत्पादों पर लगने वाला आयात शुल्क अब शून्य हो जाएगा। इससे भारतीय उत्पादों को ब्रिटिश बाज़ारों में और भी ज़्यादा कॉम्पिटिटिव बनने में मदद मिलेगी।
किन सेक्टर्स को मिलेगा फ़ायदा?
कपड़ा और अपैरल: यूके में भारतीय कपड़ों पर लगने वाला 8-16% का शुल्क हट जाएगा। इससे तिरुपुर, सूरत, लुधियाना जैसे टेक्सटाइल हब को ज़बरदस्त फ़ायदा होगा।
रत्न और आभूषण: भारत के रत्न और आभूषण निर्यात को भी ज़ीरो-ड्यूटी एक्सेस मिलेगा। यूके सालाना लगभग $3 बिलियन के आभूषण आयात करता है, जिसमें भारतीय हिस्सेदारी बढ़ेगी।
चमड़ा और फुटवियर: आगरा, कानपुर और चेन्नई के फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स को बहुत लाभ होगा, क्योंकि इन पर लगने वाला शुल्क भी शून्य हो जाएगा।
ऑटो कंपोनेंट्स और मशीनरी: इन सेक्टर्स को भी यूके मार्केट में बेहतर पहुंच मिलेगी।
कृषि उत्पाद: आम, कटहल, बाजरा, सब्ज़ियां और जैविक जड़ी-बूटियों जैसे कुछ नए कृषि उत्पादों को भी यूके के बाज़ार में पहुंच मिलेगी।
सेवा क्षेत्र: आईटी और आईटी-सक्षम सेवाओं, वित्तीय और कानूनी सेवाओं, पेशेवर और शैक्षिक सेवाओं में भारतीय कंपनियों और पेशेवरों को यूके में बेहतर बाज़ार पहुंच मिलेगी।
पेशावरों के लिए आसानी: भारतीय पेशेवरों (जैसे योग प्रशिक्षक, शेफ, संगीतकार) के लिए यूके में काम करना आसान हो जाएगा। भारतीय पेशेवरों को 3 साल तक यूके में सामाजिक सुरक्षा भुगतान से छूट भी मिलेगी।
नए रोज़गार के अवसर: निर्यात बढ़ने से भारत के श्रम-प्रधान उद्योगों में बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, खासकर MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) और महिला उद्यमियों के लिए।
ब्रिटेन को क्या फ़ायदे मिलेंगे? (भारत में क्या होगा सस्ता!)
इस डील से ब्रिटेन को भी काफी फ़ायदे होंगे, और कुछ ब्रिटिश उत्पाद भारत में सस्ते हो सकते हैं:
व्हिस्की और जिन: स्कॉच व्हिस्की और जिन पर लगने वाला आयात शुल्क 150% से तुरंत घटकर 75% हो जाएगा, और अगले 10 सालों में इसे 40% तक लाने का लक्ष्य है। इससे ये उत्पाद भारत में सस्ते होंगे।
लक्जरी कारें: यूके से आयात होने वाली कारों पर (जो अभी 100% से ज़्यादा शुल्क पर आती हैं) शुल्क घटकर केवल 10% हो सकता है (कोटा आधारित)। इससे रेंज रोवर, जगुआर जैसी कारें सस्ती हो सकती हैं, लेकिन यह कोटा-आधारित होगा।
कॉस्मेटिक्स, बिस्किट, लैंब: कुछ अन्य ब्रिटिश उत्पाद जैसे कॉस्मेटिक्स, सैल्मन, चॉकलेट, बिस्कुट और मेडिकल डिवाइसेस पर भी भारत में शुल्क कम या खत्म होगा।
निवेश और सेवा क्षेत्र: यूके की कंपनियाँ भारत के टेलीकॉम, बैंकिंग और बीमा जैसे सेक्टर्स में आसान पहुंच बना सकेंगी।
कुछ संवेदनशील मुद्दे और भविष्य की चुनौतियाँ:
संवेदनशील क्षेत्र: भारत ने डेयरी उत्पाद, सेब, जई और खाद्य तेल जैसे अपने कुछ संवेदनशील कृषि क्षेत्रों को शुल्क रियायतों से बाहर रखा है, ताकि घरेलू किसानों के हितों की रक्षा हो सके।
वीज़ा एक्सेस: भारतीय पेशेवरों को भले ही आसानी होगी, लेकिन ब्रिटेन से सीमित वीज़ा एक्सेस की बात पर अभी भी चर्चा चल रही थी।
ब्रीटिश संसद की मंज़ूरी: इस समझौते को प्रभावी होने के लिए ब्रिटिश संसद द्वारा इसकी पुष्टि (Ratification) की ज़रूरत होगी। भारत में केंद्रीय कैबिनेट की मंज़ूरी भी ज़रूरी है।
यह समझौता क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
यह ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन का किसी बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ पहला बड़ा व्यापार समझौता है। भारत के लिए भी यह एक विकसित देश के साथ दशकों में पहला व्यापक FTA है। यह समझौता न केवल आर्थिक संबंधों को मज़बूत करेगा, बल्कि वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को भी और सशक्त करेगा।
भारत-ब्रिटेन FTA डील दोनों देशों के लिए एक "विन-विन" स्थिति मानी जा रही है। यह समझौता नए अवसरों के द्वार खोलेगा, व्यापार बढ़ाएगा, रोज़गार पैदा करेगा और अंततः उपभोक्ताओं को भी लाभ पहुंचाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में यह ऐतिहासिक समझौता कैसे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है।
एक टिप्पणी भेजें