UPI के नए नियम: 1 अगस्त से क्या बदलेगा?
NPCI का मुख्य उद्देश्य UPI सिस्टम पर अनावश्यक दबाव को कम करना और यूज़र अनुभव को बेहतर बनाना है। ये नए नियम मुख्य रूप से नॉन-फ़ाइनेंशियल (गैर-वित्तीय) ट्रांजैक्शन और कुछ ख़ास गतिविधियों को रेगुलेट करेंगे:
बैलेंस चेक पर लगेगी लिमिट:
नया नियम: अब आप एक दिन में अपने अकाउंट का बैलेंस सिर्फ़ 50 बार ही चेक कर पाएंगे। यह लिमिट हर UPI ऐप (जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm) के लिए अलग-अलग होगी।
क्यों बदलाव? बार-बार बैलेंस चेक करने से सर्वर पर अनावश्यक लोड पड़ता है, जिससे वास्तविक लेन-देन धीमे हो सकते हैं या अटक सकते हैं।
उल्लंघन पर क्या होगा? यदि आप इस लिमिट को पार करते हैं, तो उस ऐप पर अगले 24 घंटों के लिए आपका बैलेंस चेक फ़ंक्शन अस्थायी रूप से ब्लॉक हो सकता है। आपका अकाउंट तुरंत बंद नहीं होगा।
बैंक अकाउंट लिंकेज डीटेल्स देखने की सीमा:
नया नियम: आप यह जानकारी कि आपके मोबाइल नंबर से कौन-कौन से बैंक अकाउंट लिंक हैं, एक दिन में सिर्फ़ 25 बार ही देख पाएंगे।
क्यों बदलाव? यह भी सिस्टम पर API रिक्वेस्ट का बोझ कम करने के लिए है।
ऑटोपेमेंट्स के लिए तय समय सीमा:
नया नियम: Netflix सब्सक्रिप्शन, EMI या SIP जैसे ऑटोपेमेंट्स अब सिर्फ़ नॉन-पीक आवर्स में ही प्रोसेस होंगे।
पीक आवर्स: सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे।
नॉन-पीक आवर्स: सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच, और रात 9:30 बजे के बाद।
क्यों बदलाव? इससे पीक आवर्स में नेटवर्क पर भीड़ कम होगी, जिससे नॉर्मल पेमेंट्स ज़्यादा तेज़ी से और बिना किसी रुकावट के हो पाएंगे।
अटके ट्रांजैक्शन का स्टेटस चेक करने की लिमिट:
नया नियम: यदि कोई पेमेंट अटक गया है या पेंडिंग है, तो आप उसका स्टेटस सिर्फ़ 3 बार ही चेक कर पाएंगे। हर चेक के बीच कम से कम 90 सेकंड का अंतर होना ज़रूरी है।
क्यों बदलाव? बार-बार 'रिफ्रेश' या 'स्टेटस चेक' करने से भी सर्वर पर अनावश्यक दबाव पड़ता है।
सही लाभार्थी का नाम डिस्प्ले (पहले ही लागू):
नया नियम (जून 30, 2025 से लागू): अब किसी भी UPI पेमेंट को पूरा करने से पहले, आपको उस व्यक्ति का वास्तविक बैंक-रजिस्टर्ड नाम स्क्रीन पर दिखाई देगा जिसे आप पैसे भेज रहे हैं।
क्यों बदलाव? यह धोखाधड़ी को कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि आप गलती से किसी गलत व्यक्ति को पैसे न भेज दें।
क्या आपका UPI अकाउंट सच में 'बंद' हो सकता है?
जो खबर चल रही है कि "5 गलतियां करने से UPI बंद हो सकता है" वह थोड़ी भ्रमित करने वाली है। सच्चाई यह है कि:
अस्थायी रोक लगेगी, बंद नहीं होगा: ऊपर बताई गई लिमिट्स का उल्लंघन करने पर, आपकी कुछ UPI सेवाओं (जैसे बैलेंस चेक या स्टेटस चेक) को संबंधित UPI ऐप द्वारा अस्थायी रूप से ब्लॉक किया जा सकता है। आपका पूरा UPI अकाउंट तुरंत 'बंद' नहीं होगा।
बैंकों और ऐप्स पर जुर्माना: NPCI ने स्पष्ट किया है कि यदि बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) इन नए दिशानिर्देशों का 31 जुलाई 2025 तक पालन करने में विफल रहते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है, API एक्सेस प्रतिबंधित किया जा सकता है, या नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगाई जा सकती है।
हालांकि, कुछ मामलों में UPI अकाउंट निलंबित या फ्रीज हो सकते हैं, जैसे:
लगातार गलत MPIN: यदि आप कई बार लगातार गलत MPIN डालते हैं, तो आपकी UPI सुविधा 24 घंटे के लिए ब्लॉक हो सकती है, और ऐसे बार-बार होने पर UPI डी-एक्टिवेट भी हो सकती है।
संदिग्ध/धोखाधड़ी वाली गतिविधि: यदि आपके अकाउंट से कोई धोखाधड़ी या संदिग्ध लेन-देन का पता चलता है, तो बैंक या NPCI आपके अकाउंट को सुरक्षा कारणों से फ्रीज या निलंबित कर सकता है।
पुराने/निष्क्रिय मोबाइल नंबर: अप्रैल 2025 से, NPCI ऐसे UPI IDs को डी-लिंक कर रहा है जो लंबे समय से निष्क्रिय या रीसाइकल्ड मोबाइल नंबरों से जुड़े हैं और बैंक रिकॉर्ड में अपडेटेड नहीं हैं। इससे भी आपकी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
निष्कर्ष: UPI को सुरक्षित और कुशल बनाना ही लक्ष्य
UPI के ये नए नियम यूज़र्स को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि पूरे डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और अधिक स्थिर, कुशल और सुरक्षित बनाने के लिए हैं। ये अनावश्यक API रिक्वेस्ट को कम करके नेटवर्क पर बोझ हल्का करेंगे, जिससे सभी के लिए पेमेंट का अनुभव बेहतर होगा।
बस कुछ आसान बातों का ध्यान रखें:
अपना बैलेंस बार-बार चेक न करें।
जरूरत पड़ने पर ही लिंक किए गए अकाउंट्स की जानकारी देखें।
अपने ऑटोपेमेंट्स की जानकारी रखें।
गलत MPIN डालने से बचें।
UPI हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इन छोटे से बदलावों को समझकर आप भी एक निर्बाध डिजिटल पेमेंट अनुभव का आनंद ले सकते हैं।
क्या आपको ये नए नियम स्पष्ट हो गए हैं? हमें कमेंट्स में बताएं!
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