भारतीय क्रिकेट में युवा प्रतिभाओं का उदय हमेशा से रोमांचक रहा है, और इस पीढ़ी के सबसे चमकदार सितारों में से एक नाम है - शुभमन गिल। अपनी आकर्षक बैटिंग शैली, शांत स्वभाव और लगातार प्रदर्शन से उन्होंने कम समय में ही क्रिकेट प्रशंसकों का दिल जीत लिया है। हाल के दिनों में उनकी बल्लेबाजी और मैच जिताने की क्षमता ने उन्हें भविष्य में भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान के तौर पर एक मजबूत दावेदार बना दिया है।
तो, आखिर कैसे हुई थी इस युवा खिलाड़ी के क्रिकेट सफ़र की शुरुआत, और कप्तानी के इस बड़े मुकाम तक पहुँचने की दिशा में उन्होंने कौन-कौन सी सीढ़ियां चढ़ीं? आइए, उनके शानदार क्रिकेटिंग करियर पर एक नज़र डालते हैं।
बचपन की शुरुआत: पंजाब के छोटे से गांव से क्रिकेट का सफ़र
शुभमन गिल का जन्म 8 सितंबर 1999 को पंजाब के फ़ाज़िल्का ज़िले के एक छोटे से गांव चक खेड़ेवाला में हुआ था। क्रिकेट के प्रति उनका जुनून बचपन से ही दिख गया था। उनके पिता, लखविंदर सिंह, खुद एक क्रिकेट प्रेमी थे और उन्होंने शुभमन की प्रतिभा को बचपन में ही पहचान लिया था।
कहा जाता है कि शुभमन को बचपन से ही क्रिकेट का इतना शौक था कि वे खेतों में भी क्रिकेट खेलते थे। उनके पिता ने ही उनके लिए एक मैदान जैसा माहौल तैयार किया और उन्हें खेलने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया। पिता ने देखा कि शुभमन में क्रिकेट के लिए असाधारण प्रतिभा है और उन्होंने अपने बेटे के सपनों को पंख देने के लिए खुद खेती-बाड़ी छोड़कर मोहाली शिफ्ट होने का बड़ा फैसला लिया। यहीं से शुभमन ने औपचारिक रूप से क्रिकेट कोचिंग लेनी शुरू की।
अंडर-19 से नेशनल टीम तक का रास्ता: एक चमकता सितारा
शुभमन गिल की प्रतिभा जल्द ही सामने आ गई। उन्होंने पंजाब की विभिन्न आयु वर्ग की टीमों में शानदार प्रदर्शन किया।
- अंडर-16 और अंडर-19 क्रिकेट: उन्होंने पंजाब के लिए अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी में एक शानदार डबल सेंचुरी लगाकर सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद उन्हें अंडर-19 भारतीय टीम में जगह मिली।
- अंडर-19 विश्व कप 2018: यह टूर्नामेंट उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। शुभमन ने इस विश्व कप में भारत के लिए उप-कप्तान के रूप में खेलते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने 372 रन बनाए और वह टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। भारत ने यह विश्व कप जीता, और शुभमन को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया। यहीं से उन्हें 'भविष्य का सितारा' कहा जाने लगा।
घरेलू क्रिकेट और IPL में दबदबा
अंडर-19 विश्व कप में धमाल मचाने के बाद, शुभमन ने घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी अपना जलवा बिखेरा:
- फर्स्ट-क्लास क्रिकेट: उन्होंने पंजाब के लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में लगातार रन बनाए, जिससे उनके मजबूत डिफेंस और बेहतरीन तकनीक का पता चला।
- IPL करियर: IPL में उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के साथ शुरुआत की और बाद में गुजरात टाइटंस (GT) के लिए खेले। GT के लिए खेलते हुए, उन्होंने एक सीज़न में शानदार रन बनाकर अपनी बैटिंग का लोहा मनवाया और टीम को IPL खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई। IPL में उनके लगातार बेहतरीन प्रदर्शन ने उन्हें लिमिटेड-ओवर्स और टेस्ट क्रिकेट के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने में मदद की।
भारतीय टीम में प्रवेश और टेस्ट क्रिकेट में पहचान
शुभमन गिल ने धीरे-धीरे भारतीय टीम के तीनों फॉर्मेट में अपनी जगह बनाई। टेस्ट क्रिकेट में, उन्होंने अपनी परिपक्वता और तकनीक का प्रदर्शन किया, खासकर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में रन बनाकर। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पारियां खेलीं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ उनकी दमदार परफॉर्मेंस शामिल है। उनकी बल्लेबाजी में संयम और आक्रामकता का मिश्रण उन्हें एक सफल टेस्ट बल्लेबाज बनाता है।
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